*विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएम योगी ने किया पौधरोपण*
*अपने सरकारी आवास पर लगाया बिल्व का पौधा*
*मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा- विश्व पर्यावरण दिवस के पुनीत अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति हों संकल्पित*
*लखनऊ, 5 जूनः* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यावरण दिवस-2025 और अपने जन्मदिन पर पौधरोपण किया। अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री ने गुरुवार सुबह बिल्व (बेल) का पौधा लगाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया।
वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री केपी मलिक ने मुख्यमंत्री जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं तथा स्मृति चिह्न भेंट किया।
इस दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव (वन/पर्यावरण) अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक/विभागाध्यक्ष सुनील कुमार चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रचार-प्रसार) पीपी सिंह, लखनऊ की मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह आदि की मौजूदगी रही।
*पर्यावरण संरक्षण के प्रति हों संकल्पित*
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दीं। अपने ऑफिशियल अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा-माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः। विश्व पर्यावरण दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं! आइए, विश्व पर्यावरण दिवस के पुनीत अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति संकल्पित हों।
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पवित्र बिल्व वृक्ष का पौधरोपण करते हुये।
*-28,346 करोड़ रुपए खर्च कर प्रदेश में सेतुओं का जाल बिछाने पर फोकस, लोकनिर्माण विभाग ने वर्ष 2025-26 का खाका किया तैयार*
*-लोक निर्माण विभाग करेगा 6 मीटर से 60 मीटर तक की लंबाई वाले लघु सेतुओं का निर्माण, संकरे व अस्थायी पुलों की मरम्मत व नवनिर्माण पर भी फोकस*
*लखनऊ, 5 जून।* उत्तर प्रदेश को उत्तम कनेक्टिविटी युक्त प्रदेश के तौर पर स्थापित कर रही योगी सरकार प्रदेश में बड़े स्तर पर दीर्घ व लघु सेतुओं के निर्माण पर फोकस कर रही है। प्रदेश के सभी शहरों, तहसीलों, जिलों, ब्लॉक व ग्राम की उत्तम कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सके, इसके लिए सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश है। ऐसे में, सीएम योगी के निर्देशों को धरातल पर उतारने के लिए लोकनिर्माण विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए बड़ा लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की गई है जिस पर काम शुरू हो गया है। कार्ययोजना के अनुसार, प्रदेश में 28,346 करोड़ रुपए खर्च कर 3,235 दीर्घ व लघु सेतुओं का निर्माण व विकास प्रस्तावित है।
उ.प्र राज्य सेतु निगम लिमिटेड 60 मीटर से अधिक लम्बाई के दीर्घ सेतुओं का निर्माण किया जाना कार्ययोजना के अंतर्गत प्रस्तावित है, जबकि लोक निर्माण विभाग द्वारा 6 मीटर से 60 मीटर तक की लंबाई वाले लघु सेतुओं का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए ब्लैक स्पॉट को चिह्नित कर उसकी मरम्मत तथा संकरे व अस्थायी पुलों की मरम्मत व निर्माण पर भी फोकस किया जा रहा है जिससे प्रदेश में सेतुओं का जाल बिछाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
*3 योजनाओं के अंतर्गत दीर्घ व लघु सेतुओं का होगा निर्माण*
प्रदेश में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए लोकनिर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई वार्षिक कार्ययोजना 2025-26 के अनुसार जिन दीर्घ व लघु सेतुओं का निर्माण होना है उसमें मुख्यतः तीन योजनाओं का समावेश होगा। इसमें राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राज्य योजना (ग्रामीण) तथा राज्य योजना (शहरी) प्रमुख हैं। इन तीनों योजनाओं के जरिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घ व लघु सेतुओं के निर्माण के साथ ही कच्चे व लकड़ी के पुल तथा जीर्ण-शीर्ष अवस्था वाले पुलों का नवनिर्माण व विकास सुनिश्चित होगा।
इसमें विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों में स्थायी पुलों के निर्माण पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है जहां पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं या फिर ग्रामीण मार्गों पर जनता द्वारा अस्थायी पुलों का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण सेतुओं के निर्माण को वरीयता के आधार पर निर्मित किया जाएगा जिससे मार्गों की सुरक्षा के साथ ही यातायात के लिए स्थायी समाधान उपलब्ध हो सकेगा।
*अधिक आबादी को लाभान्वित करने के लिए नवनिर्माण व विकास कार्यों पर जोर*
लोकनिर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार वर्ष 2025-26 में जिन 3,235 दीर्घ व लघु सेतुओं के निर्माण, नवनिर्माण, सुदृढ़ीकरण व विकास किया जाना है उनमें अधिक आबादी को लाभान्वित करने के लिए विशेष तौर पर वरीयता के आधार पर चिह्नित किया जाएगा। यहां आवागमन की दूरी को घटाने और यातायात के उचित प्रबंधन के लिए जन प्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर 10 किमी के मानक में शिथिलता दी जा सकती है। इसी प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक, धार्मिक या पर्यटन महत्व वाले स्थलों पर 10 किमी की शर्त लागू नहीं की जाएगी।
वहीं, कार्ययोजना के अनुसार राज्य मार्ग व प्रमुख जिला मार्गों पर ऐसे सेतु जिनकी चौड़ाई मार्ग से कम है तथा अन्य जिला मार्ग पर स्थित ऐसे ब्लैक स्पॉट्स जहां पर सेतुओं की चौड़ाई मार्ग की अपेक्षा कम है, उन पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा। यहां चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण के साथ ही आवश्यक्तानुसार नवीनीकरण व नवनिर्माण की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाएगा।
*सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गोरखपुर और लखनऊ मण्डल को मिली एमवीयू सुविधा*
*वन एवं वन्य जीव विभाग ने मोबाइल वेटनरी यूनिट की शुरू की सुविधा*
*कानपुर और मेरठ मण्डल के वन प्रभाग को भी जल्द ही मिल सकती है एमवीयू*
*उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से रखी गई थी एमवीयू की मांग*
*05 जून, लखनऊ।* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वन एवं वन्य जीव विभाग ने उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस और अन्य घायल वन्य जीवों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिसके तहत गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस पहल से दोनों मण्डल के पक्षी विहार और वन प्रभागों में घायल होने वाले पक्षियों और वन्य जीवों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। जल्द ही कानपुर और मेरठ मण्डल के वन प्रभागों में भी ऐसी ही यूनिट्स की सुविधा प्रदान करने की भी उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से मांग की है। वन एवं वन्य जीव विभाग प्रदेश के सभी मण्डलों में घायल पशुओं के त्वरित इलाज के लिए एमवीयू की सुविधा उपल्ब्ध करवाने पर विचार कर रहा है।
*लखनऊ और गोरखपुर के वन प्रभागों के लिए एमवीयू की स्वीकृति*
यूपी के राजकीय पक्षी सारस या क्रेन एवं अन्य घायल वन्य जीवों को त्वरित इलाज और समय रहते पशु चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) की सुविधा प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में स्थित वन प्रभागों के लिए एमवीयू को स्वीकृति प्रदान की है। इसके बारे में बताते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से लंबे समय से मोबाइल वेटनरी यूनिट की मांग की जा रही थी।
इस मांग को ध्यान में रखते हुए विभाग ने गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में एमवीयू की सुविधा प्रदान की है। बातचीत में उन्होंने बताया कि सारस संरक्षण समिति की ओर से कानपुर और मेरठ मण्डल के लिए भी एमवीयू सुविधा की मांग की गई थी लेकिन सीमित संसाधनों के कारण अभी ये सुविधा प्रदान नहीं की जा सकी है। जल्द ही कानपुर और मेरठ मण्डल के साथ प्रदेश के अन्य मण्डलों के लिये भी ये सुविधा शुरू करने का प्रयास है।
*उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से रखी गई थी एमवीयू की मांग*
वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की मांग पर विभाग ने अभी दो मण्डलों में एमयूवी की सुविधा प्रदान की है। जिसके तहत टाटा विंगर गाड़ियों को मोबाइल वेटनरी यूनिट के रूप में विकसित किया है। इन गाड़ियों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण और दवाइयां उपलब्ध होंगी, जिससे घायल जीवों को तत्काल प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय तक पहुंचाया जा सकेगा। ये एमयूवी न केवल घायल सारस पक्षियों, बल्कि छोटे वन्य जीवों को भी समय पर प्राथमिक उपचार प्रदान करने में सक्षम हैं।
सारस, यूपी का राजकीय पक्षी है प्रदेश के लगभग 59 जिलों में सारस पक्षी पाये जाते हैं। प्राकृतिक आपदाओं, शिकार और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण इन पक्षियों को चोट लगने या बीमार होने का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति में मोबाइल वेटनरी यूनिट्स समय पर उपचार प्रदान करके इनका संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
[05/06, 16:06] Adhyksh Shrmjeevi Patrkar Sangh: *कभी अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं पर गोलियां चलती थीं, आज पुष्पवर्षा होती है : योगी आदित्यनाथ*
*- मुख्यमंत्री ने अयोध्या में सरयू महोत्सव और नगर निगम के दो वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम को किया संबोधित, पौधरोपण अभियान का किया शुभारंभ*
*- सीएम योगी ने सभी सनातन धर्मावलम्बियों को दी गंगा दशहरा, विश्व पर्यावरण दिवस और सरयू महोत्सव की शुभकामनाएं*
*- सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया अधुनिक भारत का ‘भगीरथ’, कहा- उनके नेतृत्व में नमामी गंगे अभियान से अविरल निर्मल हुई हैं मां गंगा*
*- पहले की सरकारों ने अनियोजित और अवैज्ञानिक ढंग से विकास के नाम पर गंगा को कर दिया था पूरी तरह से प्रदूषित : मुख्यमंत्री*
*- माता जानकी, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, हनुमान जी, सुग्रीव, जामवंत, माता शबरी और निषाद राज के नाम पर विकसित की जाएं वाटिकाएं : सीएम योगी*
*- मुख्यमंत्री ने अयोध्या में 30 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण, 33 करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास*
*- 23 जून को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाएगी बीजेपी : योगी आदित्यनाथ*
*- हर जिले की एक नदी को किया जाएगा पुनर्जीवित, नदियों के किनारे 1 से 7 जुलाई तक चलेगा वृहद पौधरोपण अभियान : मुख्यमंत्री*
*अयोध्या, 5 जून।* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने एक दिवसीय अयोध्या दौरे के दौरान चौधरी चरण सिंह पुष्प वाटिका में पौधरोपण किया। इसके बाद उन्होंने राम कथा पार्क में आयोजित अयोध्या नगर निगम के वर्तमान बोर्ड के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने गंगा दशहरा, सरयू महोत्सव और विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं दीं, साथ ही अयोध्या के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर निगम द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि कभी अयोध्या आने वाले रामभक्तों पर गोलियां चला करती थीं, श्रद्धालुओं पर लाठी डंडे बरसाकर प्रताड़ित किया जाता था, मगर आज श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा होती है और उन्हें आरओ का शुद्ध पानी पीने को मिलता है। अयोध्या आज पूरी दुनिया के सामने ‘अतिथि देवो भव:’ की नई परिभाषा गढ़ रही है।
*सीएम योगी ने की अयोध्या के बदलते स्वरूप की चर्चा*
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कि आज अयोध्या की पहचान विश्व पटल पर बदल रही है। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा ने 500 साल के लंबे इंतजार को समाप्त किया। यह भारत के पुनर्वैभव की स्थापना का प्रतीक है। उन्होंने गुरुवार को श्रीरामलला मंदिर में हुए श्रीरामदरबार सहित 7 अन्य मंदिरों में देव विग्रहों की स्थापना के लिए श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और सभी सनातन धर्मावलंबियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।
*गंगा और सरयू का श्रीराम और उनके पूर्वजों से गहरा संबंध*
मुख्यमंत्री ने गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सरयू महोत्सव के आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि मां सरयू और भगवान श्रीराम का गहरा संबंध है। अयोध्या की पहचान मां सरयू के बिना अधूरी है। हजारों वर्षों से यह पवित्र नदी हमें दर्शन दे रही है। उन्होंने सरयू महोत्सव के आयोजन के लिए सभी को बधाई दी और कहा कि यह आयोजन अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को और समृद्ध करेगा। उन्होंने मां गंगा के महत्व पर भी प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराज भगीरथ की तपस्या के फलस्वरूप मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं। गंगा न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत और विश्व का अन्न भंडार भरती हैं। यह दुनिया की सबसे उर्वर भूमि है।
*आधुनिक भारत के भगीरथ हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी*
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक भारत का भगीरथ बताया। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई नमामी गंगे परियोजना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले गंगा का जल प्रदूषित हो गया था। पिछली सरकारों द्वारा विकास के नाम पर अनियोजित और अवैज्ञानिक ढंग से कार्य करने के चलते गंगा पूरी तरह से प्रदूषित हो गई थीं। लेकिन नमामी गंगे के माध्यम से गंगा की अविरलता और निर्मलता को पुनर्स्थापित किया गया। प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने इसकी निर्मलता का साक्षात्कार किया है।
*सभी लगाएं ‘एक पेड़ मां के नाम’*
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अभियान शुरू किया है। अगर हर व्यक्ति एक पेड़ मां के नाम पर लगाए, तो पर्यावरण संकट कभी नहीं आएगा। उन्होंने बताया कि सुबह लखनऊ में अपने आवास पर बेल और उसके बाद अयोध्या में सरयू तट पर पुष्प वाटिका में पीपल, पाकड़, नीम और नौग्रहों के पेड़ लगाए गए हैं।
*बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाएगी भारतीय जनता पार्टी*
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश वन विभाग के आगामी अभियानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 23 जून को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर जनपद की कम से कम एक नदी को पुनर्जनन का संकल्प लिया गया है। इसके अंतर्गत 1 से 7 जुलाई तक नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। साथ ही हाईवे और एक्सप्रेसवे के किनारे भी बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जाएगा। उन्होंने सभी से अपील की कि वे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में हिस्सा लें।
*सीएम ने की अयोध्या नगर निगम की प्रशंसा*
मुख्यमंत्री ने अयोध्या नगर निगम के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, सभी पार्षदों और अधिकारियों को दो वर्ष के कार्यकाल की बधाई दी। उन्होंने कहा कि महापौर के नेतृत्व में नगर निगम शानदार कार्य कर रहा है। इस अवसर पर 30 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और 33 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है। उन्होंने अयोध्या के बदलते स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि पहले यहां बिजली, पानी और साफ-सफाई की कमी थी, लेकिन आज अयोध्या स्वच्छ और सुंदर नगरी बन चुकी है। उन्होंने नगर निगम की तीन महिला सफाईकर्मियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किए जाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहले अयोध्या में लाखों श्रद्धालु आते थे, लेकिन पिछले वर्ष 16 करोड़ श्रद्धालु आए। यह नगर निगम के बेहतर प्रबंधन का परिणाम है।
*साकार हो रहा महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित अयोध्या का दिव्य स्वरूप*
मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अब अपना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। मठ-मंदिरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। राम की पैड़ी का विस्तार हुआ है, जहां सरयू का जल अब स्वच्छ रहता है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित अयोध्या का दिव्य स्वरूप आज साकार हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि अयोध्या में मां जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, सुग्रीव, जामवंत, माता शबरी और निषाद राज के नाम पर वाटिकाएं विकसित की जाएं। उन्होंने अयोध्या वासियों से जिला प्रशासन के साथ मिलकर किसी नदी को पुनर्जनन का संकल्प लेने का आह्वान किया।
इस अवसर पर उन्होंने अयोध्या नगर निगम के दो वर्ष पूरे होने से संबंधित एक स्मारिका का भी विमोचन किया। साथ ही नगर निगम से जुड़े विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शित स्टालों का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, अरुण कुमार सक्सेना, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायकगण वेद प्रकाश गुप्ता, रामचंद्र यादव, अमित सिंह चौहान, अभय सिंह, चंद्रभानु पासवान, बीजेपी जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, संतजन, पार्षदगण सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गुरुवार को अयोध्या में नगर निगम के 2 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए कार्यक्रम को संबोधित किया। साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चौधरी चरण सिंह पार्क के समीप पुष्प वाटिका में पौधरोपण किया।
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