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भाजपा सरकार की अन्य घोषणाओं की तरह व्यापारियों के हितों की रक्षा की घोषणा पर कॉंग्रेस काा तंज़

उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रेड वेलफेयर बोर्ड में विभिन्न राजनीतिक दलों के व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को रखा जाए ताकि दिल्ली में व्यापारी वर्ग के हितों के लिए कार्य हो सके और किसी की अनदेखी न हो। उन्होंने कहा कि बोर्ड को निर्णय लेने अधिकार भी दिए जाए ताकि वह एक कमजोर और निष्क्रिय बोर्ड बनकर न रह जाए।

भाजपा सरकार ट्रेड वेलफेयर बोर्ड का गठन करने से पहले छोटे और मझौले व्यापारियों का पुर्नउत्थान करे – बोर्ड कहीं कागजों में ही न रह जाए – देवेन्द्र यादव

उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रेड वेलफेयर बोर्ड में विभिन्न राजनीतिक दलों के व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को रखा जाए ताकि दिल्ली में व्यापारी वर्ग के हितों के लिए कार्य हो सके और किसी की अनदेखी न हो। उन्होंने कहा कि बोर्ड को निर्णय लेने अधिकार भी दिए जाए ताकि वह एक कमजोर और निष्क्रिय बोर्ड बनकर न रह जाए।

एआई संवाददाता

नई दिल्ली, 16 मई, 2025 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली की भाजपा सरकार की अन्य घोषणाओं की तरह व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए घोषित किया गया ट्रेड वेलफेयर बोर्ड भी कागजों में सिमट कर न रह जाए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम को उन सभी हजारों दुकानों और व्यापारिक संस्थानों को डी-सील किया जाए क्योंकि इनके बंद होने के कारण लाखों लोगों की जीविका प्रभावित हुई है।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली में छोटे व्यापारियों और दुकानदारों का व्यापार लम्बे समय से ठप पड़ा है और हालात यह है कि दुकानदारों के पास दुकान का किराया और अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रेड वेलफेयर बोर्ड व्यापारियों के लिए कहीं विनाशकारी न बन जाए।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह वही भाजपा है कि जो एक तरफ तो ट्रेड वेलफेयर बोर्ड स्थापित करने की बात करती है और दूसरी तरफ जब भाजपा 15 वर्ष दिल्ली नगर निगम में थी, उस समय दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में उन्हांने 2000 से अधिक दुकानों को सील किया था, ऐसे में व्यापारी भाजपा सरकार पर अपने हितों को लेकर कैसे विश्वास कर सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रेड वेलफेयर बोर्ड में विभिन्न राजनीतिक दलों के व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को रखा जाए ताकि दिल्ली में व्यापारी वर्ग के हितों के लिए कार्य हो सके और किसी की अनदेखी न हो। उन्होंने कहा कि बोर्ड को निर्णय लेने अधिकार भी दिए जाए ताकि वह एक कमजोर और निष्क्रिय बोर्ड बनकर न रह जाए।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि जब भाजपा केन्द्र की सत्ता में आई थी, सबसे पहले छोटे और मझोले व्यापारियों पर कुठाराघात किया था क्योंकि 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी करके इनको तबाह कर दिया था जबकि यह संस्थान सबसे ज्यादा रोजगार का सृजन करते है। इसी प्रकार भाजपा की केन्द्र सरकार की गलत तरीके से जीएसटी को लागू करने की नीति ने व्यापारियों पर प्रहार किया था जिसके कारण उनके व्यापार में काफी गिरावट दर्ज हुई थी। ऐसे में भाजपा सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रेड वेलफेयर बोर्ड पर दिल्ली के व्यापारी कैसे विश्वास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा छोटे और मझोले व्यापारियों को चुनाव के दौरान उनके वोट और फंड के लिए याद करती है जबकि भाजपा सरकारों का एजेंडा केवल कुछ चुनिंदा अमीर पूंजीपतियों को फायदा पहुॅचाने का रहा है।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने भी व्यापारियों को झूठे वायदे करके लूटने का काम किया था क्योंकि 11 वर्षों के कार्यकाल में उनके कल्याण के काम करना तो दूर बल्कि उनको अलग-अलग तरीकों से परेशान किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र और दिल्ली सरकार के सरकारी विभागों में खाली पड़े पदां को न भरके आम आदमी पार्टी की सरकार की तरह युवाओं को बेरोजगारी की तरफ धकेलने का काम कर रही है।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि रेखा गुप्ता सरकार को 2026 में इन्वेस्टर समिट करने से पहले दिल्ली में व्यापारियों की स्थिति को सुधारे और जिनके व्यापार ठप हो गए है उनको पुर्नस्थापित करने की पहल करे क्योंकि भाजपा ने दूसरे राज्यों में करोड़ो रुपये बर्बाद करके जो इन्वेस्टर समिट आयोजित किए, वो पूरी तरह से असफल साबित हुए और भाजपा के खोखले वादों की भेट चढ़ गए।

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