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44वां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आकर्षक लेकिन व्यवस्थित। सुरक्षा की बेहतर व्यावस्था।

सुरक्षा चार चौबंद व्यावस्था टायन टाएँ फीस बुज़ुर्गों के लिए कोई सुविधा नही - अंतिम दो दिनों तक और भी भीड़ बढ़ने की संभावना ।

44वां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आकर्षक व्यवस्थित सुरक्षा की बेहतर व्यावस्था।

सुरक्षा चार चौबंद – व्यावस्था ऐसी की बुज़ुर्गों के लिए कोई सुविधा नही – अंतिम दो दिनों तक और भी भीड़ बढ़ने की संभावना ।

एस. ज़ेड. मलिक

नई दिल्ली – अंतर्राष्ट्रीयल व्यापार मेला सोमवार की तुलना में मंगलवार को −26156 अधिक दर्शकों ने मेले का दर्शन किया।
जबकि इतवार को लगभग पौने दोलाख के दर्शकों ने मेला का दर्शन किया था इतवार तुलना सोमबार को लगभग 75000 दर्शकों मेला का दर्शन किया वही मंगलवार को लगभग एक लाख 10 हज़ार की भीड़ रही होगी।

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बहरहाल – अभी फिलहाल झारखंड और बिहार मेला का आकर्षण बना हुआ है जब कि केरला और कोयर बोर्ड जो हाल नम्बर 6 में है वह भी किसी अजूबे से कम नहीं, वहां भी हैंडीक्राफ्ट का एक से बढ़ कर एक समाग्री देखने मिल रही है, तो हॉल नम्बर एक के ऊपर मंज़िल में आसाम मेघालय और नागालैंड के पवेलियन भी काफी लुभावने और आकर्षक हैं। वहां भी राज्य के वनस्पतियों और छाल तथा और छिलकों से घरेलू वस्तुयें आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
हाल नम्बर 11, 8 तक में ग्रोसरी आइटम दर्शकों आकर्षित कर रही है वही हॉल नम्बर 12 और 14 में महिलाओं का श्रृंगार की वस्तुयें तथा किचन आइटम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

हाल नम्बर एक मे ऊपर में आसाम पवेलियन जहां बांस और जलकुम्भरी के पत्ते से बनी हुई घरेलू इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं आकर्षक का केंद्र बना हुआ है, वहीं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आसाम सरकार ने वहां छोटेउद्योगों के निवेशकों को प्रधानमंत्री उन्नत योजना के तहत 30 से 50 प्रतिशत इंसेंटिव प्रदान कर रही है जिससे वहां के छोटे उद्योगों को अपने द्वारा बनाये गए हैंडीक्राफ्ट वस्तुओं को मार्केट में उतारने के लिये प्रोत्साहन मिल रहा है। उक्त जानकारी इस मेले के पवेलियन इंचार्ज निर्देशक उमेशकान्त ने दी।

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हाल नम्बर 6 में एमएसएमई जहां दर्शकों को छोटे उद्योगकर्मियों को अपनी योजना और लोन देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है वहीं एनसीडीसी नेशनल कॉपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, भारत सरकार का महकमा कॉपरेटिव सुसाइटी वालों को किसानों के लिए सब्सीडी एवं सब से कम ब्याज पर लोन देने के लिये प्रोत्साहित कर रही है, तो इस बार मोदी सरकार के विकास की उपलब्धि एफसीआई के पवेलियन से पता चलता है कि एफसीआई अब चावल के नये नये किसमें अपने पवेलियन में प्रदर्षित कर आम जनता को रिटेल में बेच कर न जाने क्या साबित करना चाहता है, जबकि अडानी ने एफसीआई के होल सेल का ज़िम्मा अपने ऊपर ले लिया उसके लिए हर राज्य में अनाज किसानों से उसकी जमीन खरीद कर अपना बड़ा बड़ा अनाज का गोडाउन बना रहे हैं, और सरकार की एफसीआई से किसानों का अनाज रिटेल में बेचवाने केलिया मेला और बाज़ारों में भेज रही है।

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व्यावस्था 

इस बार का मेला पिछले मेले से फीका रहा व्यावस्था और सुरक्षा दिखाने रहा खूब रहा – लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए पैदल आना जाना ही रहा – जबकि 2014 – 15 तक वरिष्ठ नागरिकों के लिए और आम दर्शकों के लिए अंदर के हाल तक पहुंचाने के लिए गेट नम्बर 10 से ही अंदर सुरक्षा और चेकिंग करके बस लगी रहती थी जिससे बुज़ुर्गों को अंदर हाल तक जाने में आसानी होती थी लेकिन दिल्ली पुलिस अपनी सुविधा अनुसार अब सुरक्षा चेकिंग एक हाल नम्बर 12 और दूसरे हाल नम्बर 11 के पास लगा कर बुज़ुर्गों, विकलांगों, बच्चों और महिलाओं के लिए मुश्किल बढ़ा दी है, और मीडिया को फिर सम्मान और सुविधा मिलता था लेकिन अब बुज़ुर्गों को सुविधा तो समाप्त ही कर दिया वही छोटे मीडिया कर्मियों को गिफ्ट तो छोड़िये उन्हें तो जो आईटीपीओ द्वारा रिफ्रेशमेंट के लिए टोक्कन मिलता था अब तो वह भी नहीं रेगुलर नहीं मिल रहा है। जिसे टोकन दिया जा रहा उस पर आईटीपीओ के मीडिया के ज़िममीदार बहुत बड़ा एहसान कर रहे हैं। जबकि सच यह है कि छोटे मीडिया कर्मी ही आज गलियों गलियों तक सूचना का प्रचार प्रसार करने में सबसे बड़ा अहम रोल अदा करते हैं। फिर भी उन्हें सम्मान न दे कर बड़े चैनलों और बड़े एखबारों के पत्रकारों को दिया जाता है जबकि उनका लेखन और सलौट ऐसी खबरों के लिए सिर्फ सीमित ही होता है।

निवेदन

आईटीपीओ के आला अधिकारियों से निवेदन है कि जो पत्रकार आपके मेले को नियमित कोवरेज दे रहे हैं कृपया कर उन्हें कम से एक समय का जीविका की व्यावस्था ज़रूर करें ताकि उन्हें हिम्मत और हौंसला मिले, छोटे एखबारों को एक छोटा ही सही एक विज्ञापन और एक समय के लंच की व्यावस्था ज़रूर दें, लेकिन सिर्फ पत्रकारों को न कि फ़र्ज़ी पत्रकारों और दलालों को, यहां पत्रकारों से अधिक बाज़ार दलाल और पत्रकार के नाम पर लूटने वाले अधिक देखने को मिलते रहे। फ़र्ज़ी पत्रकारों की पहचान आसान हैं – जिन पत्रकारों का मेला सम्बंधित लेख, रिपोर्ट किसी भी एखबार या वेबसाइट या वेबपोर्टल या यूट्यूब पर बाई नेम यदि चल रहा है वह सही पत्रकार हैं उन्हें सुविधा दिया जाना चाहिये। ऐसा करने से मीडिया सेंटर में फ़र्ज़ी पत्रकारों और पत्रकारों के नाम पर दलालों पर रोक लगेगा।

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