“हर बोतल में सिर्फ शराब नहीं थी… एक संगठित घोटाले की बदबू थी।”
ये कोई फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि भारत के छत्तीसगढ़ राज्य की सच्ची घटना है, जिसने सरकार, अफसरशाही और पूरे तंत्र की नींव को झकझोर दिया है। Liquor scam in Chhattisgarh आज देशभर की सुर्खियों में है और इसकी परतें खुलते-खुलते अब Bhupesh Baghel liquor case के रूप में सामने आ रही हैं।
इस हम जानेंगे – इस घोटाले की शुरुआत कैसे हुई? कौन हैं इसके मास्टरमाइंड? Chaitanya Baghel arrest क्यों हुई? और क्या यह सिर्फ एक वित्तीय अपराध है या सत्ता के उच्चतम स्तर तक फैला हुआ CSMCL liquor syndicate?
2018 में छत्तीसगढ़ की सत्ता में बदलाव हुआ। कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई और भूपेश बघेलमुख्यमंत्री बने। जनता को उम्मीद थी—नई शुरुआत की, विकास की, पारदर्शिता की। लेकिन कहते हैं, जब सत्ता मिलती है, तो उसके साथ आता है साया — लालच, सत्ता का नशा, और कभी-कभी घोटाले।
ईडी यानी Enforcement Directorate (ED) का दावा है कि 2019 से 2022 तक एक सुनियोजित शराब घोटाले की नींव रखी गई। और ये सब कुछ हुआ राज्य सरकार के आबकारी विभाग और CSMCL (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited) के माध्यम से — जो असल में एक सरकारी तंत्र था लेकिन धीरे-धीरे liquor syndicate में तब्दील हो गया।
सरकारी शराब की बोतलों पर एक होलोग्राम होता है जो प्रमाण होता है कि वो अधिकृत और टैक्स-पेड है। लेकिन इस घोटाले में उस होलोग्राम को ही नकली बना दिया गया। इसके लिए नोएडा की एक कंपनी — Prism Holography Security Films Pvt. Ltd. को टेंडर दिया गया, वो भी नियमों को बदलकर।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार:
ED raids Chhattisgarh के बाद जो डेटा सामने आया, वो चौंकाने वाला था:
ये सब कुछ हो रहा था — नेताओं, अफसरों, डिस्टिलर्स, ट्रांसपोर्टर्स और यहां तक कि बोतल सप्लाई करने वाली कंपनियों की मिलीभगत से।
इस पूरे स्कैम का चेहरा बनकर सामने आए:
इन सभी की गिरफ्तारी के बाद खुलासे होने शुरू हुए। पैसों का लेन-देन नकद में भी होता था और डिजिटल ट्रांसफर के ज़रिए भी। सुकमा में बने आलीशान घर और कांग्रेस भवन तक की फंडिंग पर अब सवाल उठने लगे।
इस घोटाले की सबसे बड़ी राजनीतिक गूंज तब सुनाई दी, जब भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के घर पर भी ED ने छापा मारा। जांच के अनुसार:
भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा उनके परिवार को टारगेट करने की साजिश है। लेकिन ईडी के पास जो दस्तावेज़ हैं, वो एक गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं।
सवाल उठ रहे हैं:
अब तक दर्ज नाम — एक नज़र में
यह liquor scam in Chhattisgarh सिर्फ शराब की बोतलों तक सीमित नहीं है। ये एक भ्रष्टाचार की संस्कृति को उजागर करता है, जहां कानून को मोड़ा गया, नियमों को तोड़ा गया और जनता के साथ विश्वासघात किया गया।
Baghel liquor case का भविष्य चाहे जो भी हो, लेकिन एक बात तय है — छत्तीसगढ़ की राजनीति अब पहले जैसी नहीं रहेगी।
और शायद, ये कहानी हमें याद दिलाती रहेगी कि सत्ता जब अंधी होती है, तो उसकी परछाईं बहुत लंबी होती है।
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