शांति-सद्भाव बढ़ाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका: राज्यपाल बागड़े* AI-Desk News *आबूरोड (राजस्थान)।* ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मीडिया विंग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मीडिया महासम्मेलन का राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने शुभारंभ किया। इसमें देशभर से प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, रेडियाे और वेब मीडिया से जुड़े 1500 से अधिक पत्रकार, संपादक और संवाददाता भाग ले रहे हैं। […]
*आत्मनिर्भर भारत से ही पूरा होगा जगद्गुरू बनने का सपना: मोहन मांझी* *भारतीय भाषाएं बचेंगी तभी बचेगा भारत : प्रो.संजय द्विवेदी* ए आई डेस्क न्यूज़ भुवनेश्वर – उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्री मोहनचरण मांझी का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत ही स्वदेशी के संकल्प और भारत के जगद्गुरू बनने का सपना पूरा करेगा। वे यहां […]
एक युग की ख़ामोश विदाई – लविदा रजिस्टर्ड डाक लेखिका: डॉ. प्रियंका सौरभ एक सितंबर दो हज़ार पच्चीस को जब भारत डाक की रजिस्टर्ड डाक सेवा औपचारिक रूप से समाप्त कर दी जाएगी, तो संभवतः किसी समाचार पत्र के मुख्य पृष्ठ पर यह नहीं छपेगा, न ही किसी समाचार चैनल पर विशेष चर्चा होगी। […]
आख़िर ये कैसे जानेंगे दर्द सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ते राजनेताओं के बच्चे* सरकारी स्कूल तब तक नहीं सुधरेंगे, जब तक उनकी छतों के नीचे ‘किसी मंत्री का बेटा’ किताब न खोले। जब तक कोई ‘अफसर की बेटी’ लाइन में खड़े होकर मिड डे मील न खाए। जब तक कोई ‘विधायक का पोता’ ब्लैकबोर्ड […]
नही रहे अमीरी रेखा खींचने वाले – लेखक रोशन लाल अग्रवाल, बड़े गौर से पढ़ रहा था ज़माना – तुम्ही सो गए दास्तान लिखते लिखते।।तुम्हारे जीतेजी खौफ में जीते रहे वे लोग। जो पूंजीवाद के सत्ता पर बैठे ऐश करते हैं। उन्हीं में से कोई तुमको कभी पागल समझता था, उन्ही में से कभी कोई […]
*Hindi English press release* *अभिनेत्री नीतू चंद्रा को बिहार चुनाव आयोग का आइकॉन फेस कितना उचित ? एआई संवादाता आखिर बिहार चुनाव आयोग ने इतना बड़ा फैसला क्यूँ लिया – एक अभिनेत्री को बिहार चुनाव का आइकॉन फेस नियुक्त किया है? रही बात बात देश विदेश मे नाम कमाने की! बिहार काा गौरवान्वित करने की […]
वर्तमान में जटिल समस्याओं से घिरा भारत – मनु नीतियों पर आधुनिकरण हावी – असमंजस में सरकार मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख सरकार में न होते हुए भी उन्हें भारत सरकार द्वारा एडवांस्ड सिक्योरिटी लायज़न (एएसएल) की सुरक्षा प्रदान की गई है। सरकारी खज़ाने से इन पर खर्च क्यूँ? ???? आखिर सरकार आरएसएस […]
“यू.एस. इंडिया कॉम्पैक्ट” चुनौतियाँ और अवसर। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच बदलती गतिशीलता का इक्कीसवीं सदी में दुनिया के संगठित होने के तरीके पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। इस साझेदारी की क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के लिए, दोनों सरकारों को रणनीतिक बहुपक्षीय सम्बंधों, अर्थशास्त्र और रक्षा पर ध्यान केंद्रित करने […]